झारखंड के प्रमुख खनिज संसाधन
Major Mineral Resources of Jharkhand
झारखंड के प्रमुख खनिज संसाधन
झारखंड के प्रमुख खनिज संसाधन
० खनिज के क्षेत्र में झारखंड का विशिष्ट स्थान है।
० खनिज संसाधनों की बहुलता के कारण ही झारखंड को भारत का*रूर प्रदेश* कहा जाता है।
० यहां सभी महत्वपूर्ण धात्विक तथा अधात्विक खनिज उपलब्ध है।
० झारखंड खनिज उत्पादन की दृष्टि से संपूर्ण भारत में सर्वोच्च स्थान पर है, इसके कारण इसे *रत्नगर्भा* भी कहा जाता है।
० मूल्य की दृष्टि से भारत के कुल खनिज उत्पादन का 26% एवं उत्पादन की दृष्टि से देश के कुल खनिज उत्पादन का 40% हिस्सा वर्तमान में अकेले झारखंड राज्य से उत्खनित किया जाता है।
० कोयला अभ्रक लोहा तांबा चीनी मिट्टी फायर क्ले काईनाइट ग्रेफाइट बॉक्साइट तथा चूना पत्थर के उत्पादन में झारखंड अनेक राज्यों से आगे है।
० एस्बेस्टस क्वार्ट्ज तथा आणविक खनिज के उत्पादन में भी झारखंड का महत्वपूर्ण स्थान है।
० यहां अधिकांश खनिज धारवाड़ और विंध्य प्रणाली के चट्टानों से प्राप्त होता है।
१. कोयला:-
० झारखंड कोयले के उत्पादन एवं भंडारण दोनों ही की दृष्टि से देश का अग्रणी राज्य है।
० यहां देश के कोयले के कुल उत्पादन का लगभग 33% भाग उत्पादित होता है।
० यहां *बिटुमिनस* और *एंथ्रासाइट* दोनों ही प्रकार का उपयोगी कोयला उपलब्ध है।
० झारखंड में कोयले की प्राप्ति गोंडवाना क्रम की चट्टानों से होती है।
० झारखंड में सर्वप्रथम कोयला खनन का प्रारंभ दामोदर नदी - घाटी कोयला क्षेत्र के अंतर्गत झरिया में हुआ था।
० झारखंड के कुल कोयले का 70% उत्पादन झरिया क्षेत्र से होता है। यह क्षेत्र भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के अंतर्गत है।
० झरिया में उत्तम किस्म का कोकिंग कोयला पाया जाता है।
० दामोदर घाटी कोयला क्षेत्र राज्य के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 95% उत्पादित करता है। साथ ही यह क्षेत्र कोकिंग कोयले का शत-प्रतिशत उत्पादक क्षेत्र भी है।
० झारखंड में कोयले का खनन दामोदर घाटी सोन घाटी तथा राजमहल के क्षेत्रों में होता है।
० दामोदर घाटी में झरिया, उत्तरी और दक्षिणी कर्णपुरा, पूर्वी व पश्चिमी बोकारो तथा रामगढ़ कोयला खनन क्षेत्र हैं।
० दामोदर घाटी क्षेत्र में कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक झरिया कोयला क्षेत्र है।
० बोकारो कोयला क्षेत्र बोकारो नदी घाटी में स्थित है। कर्णपुरा कोयला क्षेत्र का विस्तार ऊपरी दामोदर घाटी में पाया जाता है।
० उत्तरी कोयल घाटी क्षेत्र का कोयला पलामू लातेहार तथा गढ़वा में संचित है।
० यहां प्रतिवर्ष लगभग 8.5 करोड़ टन कोयले का उत्पादन होता है।
० राजमहल के अतिरिक्त देवघर के निकटवर्ती खानों से भी कोयला निकाला जाता है। यहां का कोयला बिटुमिनस इस प्रकार का है।
० राज्य में कोयले का कुल भंडार 69,128 मिलियन टन है, जो देश के कोयला भंडार का 32.09% है।
० भारत का 95% से अधिक कोक बनाने योग्य कोयले की खान झारखंड में ही अवस्थित है।
० *सिकनी कोयला परियोजना* लातेहार में स्थित है।
० दामोदर घाटी कोयला उत्पादन क्षेत्र-- झरिया, चंद्रपुरा, रामगढ़, बोकारो, कर्णपुरा आदि।
० बराकर बेसिन क्षेत्र-- हजारीबाग के इटखोरी, कुजू व चोप, गिरिडीह आदि।
० अजय बेसिन क्षेत्र-- हजारीबाग के जयंती, सहगोरी, कुंडित, करैया आदि।
० राजमहल पहाड़ी क्षेत्र-- ब्राह्मणी, पंचवाड़ा, छप्परबिट्टा, गिलवाड़ी, हैना आदि।
० उत्तरी कोयल बेसिन क्षेत्र--- डालटेनगंज, हुटार, औरंगा नदी क्षेत्र, अमानत नदी क्षेत्र आदि।
२. लौह अयस्क
० झारखंड में लौह अयस्क धारवाड़ क्रम की चट्टानों से मिलता है।
० झारखंड में लौह अयस्क हेमाटाइट कोटि का है जिसमें 60% से 68% तक लोहे का अंश पाया जाता है।
० यहां लौह अयस्क का कुल भंडार 3768 मिलियन टन है जो देश के कुल भंडार का 37% है।
० यहां से प्रत्येक वर्ष करीब 120 लाख टर्न लोहे का उत्पादन होता है।
० लोहे का मुख्य उत्पादन पश्चिमी सिंहभूम में *गुवा* से लेकर उड़ीसा में *गुनाई* तक फैली एक पट्टी में होता है जिसे *बड़ाजाम्दा कांपलेक्स* कहते हैं। यह विश्व की सबसे घनी लोहे की पट्टी है।
० यहां नोवामुंडी, पंचसेरा, बुरु, गुवा, जाम्दा, घाटपुर, किरीबुरू आदि लोहे के प्रमुख खनन केंद्र हैं।
० नोवामुंडी की खान एशिया की सबसे बड़ी लोहे की खान है।
० झारखंड में लोहे की 28 खदानें हैं।
० हाल ही में मनोहरपुर के निकट चिड़िया तथा पलामू के सेमरा सलतुआ में इसके नवीन भंडार मिले हैं।
० जमशेदपुर और बोकारो में लौह अयस्क के दो बड़े कारखाने हैं।
० बोकारो का इस्पात कारखाना एशिया का सबसे बड़ा कारखाना है।
३. मैग्नीज
० यह लौह अयस्क का दूसरा प्रमुख खनिज है।
० झारखंड में मैग्नीज की प्राप्ति धारवाड़ क्रम की चट्टानों से होती है।
० इसका उपयोग इस्पात बनाने के साथ-साथ बैटरी विभिन्न प्रकार के रंग एवं रसायन उद्योगों में किया जाता है।
० भारत में मैग्नीज अयस्क का कुल भंडार 430 मिलियन टर्न है झारखंड में इसकी हिस्सेदारी 2.29 मिलियन टन लगभग 3% है।
० इसका उत्पादन सिंहभूम के लिमिट चाईबासा बरजमुंडा गुआ नोवामुंडी जामदा कालेंदा बंसाडेरा पंसारीबुरु और पहाड़पुर प्रमुख है।
४. तांबा:-
० तांबे के उत्पादन तथा भंडारण के दृष्टिकोण से झारखंड भारत का अग्रणी राज्य है।
० झारखंड में तांबे का कुल भंडार 112 मिलियन टन है। जो भारत के कुल भंडार का लगभग 25% है जो कुल 930 लाख टन है।
० देश के कुल उत्पादन का 26% झारखंड में होता है।
० देश में राजस्थान का प्रथम स्थान है इसके बाद मध्य प्रदेश तथा झारखंड का स्थान है।
० यहां तांबे का खनन मुसाबनी, सरायकेला, राखामाइन्स, पत्थरगोड़ा, घाटशिला तथा बहरागोड़ा में होता है।
० यहां तांबे की अच्छी किस्में पाई जाती हैं।
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